पवित्र आत्मा का बपतिस्मा क्या है? - भाग 2
1 कुरिन्थियों 12:13 (भाग - 1)
एक अन्य पद
जिसका प्रयोग ‘पवित्र आत्मा का बपतिस्मा’ पाने की शिक्षा को वैध ठहराने के लिए
किया जाता है, वह है 1 कुरिन्थियों
12:13; और एक बार फिर, जैसा कि हमेशा किया गया है, यहाँ भी यह इस
वाक्यांश को उस के सन्दर्भ से बाहर लेकर और सन्दर्भ से बाहर ही उस की व्याख्या करने,
तथा अन्य संबंधित शिक्षाओं पर ध्यान न देने के द्वारा किया जाता है। ‘पवित्र आत्मा
का बपतिस्मा’ पाने के लिए जो मुख्य कारण बताया जाता है, वह है जिस से मसीही
विश्वासी प्रभु की सेवा के लिए विशेष सामर्थ्य प्राप्त कर सके। यद्यपि यह एक भक्ति
तथा श्रद्धा पूर्ण दृष्टिकोण प्रतीत होता है, किन्तु वास्तव में यह बाइबल के सत्य
को बिगाड़ना और बाइबल की शिक्षाओं के विरुद्ध है, और इस में मसीह की देह, उसकी
कलीसिया, को विभाजित कर देने की प्रबल संभावना है।
जैसा कि प्रेरितों 1:8 से बहुत स्पष्ट है, किसी भी मसीही
विश्वासी को संसार के छोर तक प्रभु की सेवा करने और उसका गवाह होने के लिए जो भी सामर्थ्य
की आवश्यकता होती है, वह उन्हें उन के मसीही विश्वास में आते ही पवित्र आत्मा दिए
जाने साथ ही दे दी जाती है। इस से अधिक या अतिरिक्त और किसी भी बात की कोई आवश्यकता
है ही नहीं, और मसीही में उपस्थित परमेश्वर पवित्र आत्मा से अधिक सामर्थी और क्या
हो सकता है, जो हर एक बात में प्रत्येक मसीही विश्वासी के मार्गदर्शन और सहायता के
लिए सदैव उपलब्ध और तैयार हैं। लेकिन फिर भी, केवल विचार करने के लिए कुछ समय के
लिए मान लेते हैं कि प्रभु की सेवकाई के लिए परमेश्वर पवित्र आत्मा से बढ़कर भी
किसी बात की आवश्यकता होती है। अब यदि यह सही है, तो बाइबल से इसका कोई प्रमाण
कहाँ है? परमेश्वर के वचन में कहाँ ऐसा कोई उदाहरण है कि विश्वासी व्यक्ति ने,
किसी ने भी, पहले पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाया, और फिर प्रभु के लिए कुछ ऐसा अनोखा
या अद्भुत किया, जो अन्य लोग नहीं करने पाए, जब कि उन में पवित्र आत्मा विद्यमान
था? बाइबल में क्या ऐसा कोई भी एक भी व्यक्ति है; इस शिक्षा के समर्थन में कोई एक
भी उदाहरण है – नहीं कोई नहीं है! इस का स्पष्ट और प्रत्यक्ष उत्तर है कि संपूर्ण
नए नियम में इस धारणा की पुष्टि के लिए कोई एक भी उदाहरण विद्यमान नहीं है।
प्रभु यीशु ने भी जब अपने शिष्यों को सेवकाई पर निकलने
से पहले पवित्र आत्मा के दिए जाने तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा था, तब भी उन से
यह नहीं कहा था कि उन के लिए मरकुस 16:17, 18 में कहे गए अद्भुत चिन्ह और
आश्चर्यकर्म उन्हें पवित्र आत्मा पा लेने के बाद फिर अलग से पवित्र आत्मा का
बपतिस्मा मिलने के बाद ही संभव हो सकेंगे। ये अनोखे और अद्भुत काम भी उन्हें पवित्र
आत्मा दिए जाने के पश्चात उन के सुसमाचार प्रचार की सेवकाई पर जाने पर, स्वतः ही
उन की सेवकाई के साथ संबंधित होने थे। सम्पूर्ण नए नियम में प्रभु के लोगों के
सेवकाई के कार्यों में जो प्रभु के महान लोग प्रभु की सेवा में लगे रहे हैं, और प्रभु
के राज्य में सेवकाई के फलों को एकत्रित करते रहे हैं, वे वही थे जिन्होंने प्रभु
यीशु में विश्वास में आने के साथ ही पवित्र आत्मा पाया और फिर प्रभु की आज्ञा में
सेवकाई के लिए संसार में निकल पड़े, बिना किसी अन्य बात अथवा कोई विशेष अनुभव लिए।
- क्रमशः
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कुरिन्थियों 12:13 (भाग – 2)
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